स्वामी विवेकानन्द
हमारे सबसे बड़े प्रेरणास्रोत...
रविवार, 14 अप्रैल 2013
"मेरी दृढ़ धारणा है कि तुममें अन्धविश्वास नहीं है
। तुममें वह शक्ति विद्यमान है, जो संसार को हिला सकती है; धीरे-धीरे और भी अन्य लोग आयेंगे। साहसी शब्द और उससे अधिक साहसी कर्मों की हमें आवश्यकता है। उठो! उठो! संसार दुःख से जल रहा है।"
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