रविवार, 17 फ़रवरी 2013


"शिक्षा का मतलब यह नही है कि दिमाग में कई ऐसी सूचनायें एकत्रित कर ली जायें, जिसका जीवन में कोई इस्तेमाल ही नहीं हो। हमारी शिक्षा जीवन निर्माण, व्यक्ति निर्माण और चरित्र निर्माण पर आधारित होनी चाहिए। ऐसी शिक्षा हासिल करने वाला व्यक्ति उस व्यक्ति से अधिक शिक्षित माना जायेगा, जिसने पूरे पुस्तकालय को कण्ठस्थ कर लिया हो। अगर सूचनायें शिक्षा होतीं, तो फिर तो पुस्तकालय ही सन्त हो गये होते।"

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