स्वामी विवेकानन्द
हमारे सबसे बड़े प्रेरणास्रोत...
शुक्रवार, 31 मई 2013
"हर काम को तीन अवस्थाओं में से गुजरना होता है- उपहास, विरोध और स्वीकृति
। इसलिए विरोध और अत्याचार हम सहर्ष स्वीकार करते हैं। परन्तु मुझे दृढ़ तथा पवित्र होना चाहिए और भगवान में अपरिमित विश्वास रखना चाहिए, तब ये सब लुप्त हो जायेंगे।"
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