रविवार, 14 अप्रैल 2013


"मेरी दृढ़ धारणा है कि तुममें अन्धविश्वास नहीं है। तुममें वह शक्ति विद्यमान है, जो संसार को हिला सकती है; धीरे-धीरे और भी अन्य लोग आयेंगे। साहसी शब्द और उससे अधिक साहसी कर्मों की हमें आवश्यकता है। उठो! उठो! संसार दुःख से जल रहा है।"

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें