बुधवार, 6 मार्च 2013


"...यदि आलू बैगन का स्पर्श हो जाये, तो कितने समय के अन्दर यह ब्रह्माण्ड रसातल को पहुँच जायेगा, तथा चौदह बार हाथ में मिट्टी न लगाने से चौदह पुरूष नरकगामी होते हैं अथवा चौबीस पुरूष, इन कठिन प्रश्नों की मीमांसा में ये लोग आज दो हजार वर्षों से लगे हुए हैं; जबकि दूसरी ओर जनता का एक-चौथाई भाग भूखा मर रहा है।..."
(स्वामी विवेकानन्द द्वारा गुरुभाई स्वामी ब्रह्मानन्द को लिखे पत्र से)

1 टिप्पणी:

  1. बहुत खूब एक दम सटीक आकलन करती
    आज की मेरी नई रचना आपके विचारो के इंतजार में
    तुम मुझ पर ऐतबार करो ।

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